बार-बार पानी पीने के बाद भी प्यास नहीं बुझती, तो आप हैं इस रोग के शिकार, ऐसे करें इलाज

बार-बार पानी पीने के बाद भी प्यास नहीं बुझती, तो आप हैं इस रोग के शिकार, ऐसे करें इलाज

सेहतराग टीम

क्या आपको भी बार-बार प्यास लगती है? बार-बार पानी पीने के वाबजूद प्या नहीं बुझती? कहीं आप तृषा रोग के शिकार तो नहीं हैं? दरअसल यह एक तरह का ऐसा रोग है जिसमें रोगी को जरूरत से ज्यादा प्या स लगती है। रोगी व्यक्ति जितना भी पानी पीता है उसे ऐसा लगता है कि उसने बहुत ही कम पानी पिया है और वह बार-बार पानी पीता रहता है। आइए जानते हैं कि इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

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लक्षण:

  • जरूरत से ज्यादा प्यास लगना।
  • बार-बार पानी पीने की इच्छा होना।
  • बार-बार प्यास महसूस होना।
  • गला हर समय सूखा-सूखा सा लगना।

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तृषा रोग का घरेलू उपचार:

  • तृषा (तेज प्यास) रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को एनिमा द्वारा अपना पेट साफ करना चाहिए और इसके बाद दिन में 2 बार कटिस्नान (टब में कमर तक पानी में बैठे रहना) करना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
  • इस रोग से पीड़ित रोगी को रात को सोते समय अपनी कमर पर कुछ समय के लिए भीगी पट्टी लगाकर सोना चाहिए। इससे तृषा रोग (तेज प्यास) ठीक हो जाता है।
  • तृषा रोग (तेज प्यास) के रोगी को कुछ दिनों तक रसाहार तथा फलाहार भोजन करना चाहिए और इसके बाद धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए।
  • तृषा रोग को ठीक करने के लिए आसमानी रंग की बोतल के सूर्यतप्त जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन 8 बार रोगी को सेवन करना चाहिए। इससे रोगी का रोग कुछ ही दिनों में ही ठीक हो जाता है।

 

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